लक्ष्मी एक साधारण सी लड़की थी लेकिन उसने एक ऐसी गलती कर दी जिसने उसकी ज़िन्दगी पूरी तरह बदल दी – गलत इंसान से प्यार. जी हाँ, लक्ष्मी ने एक गलत इंसान से प्यार कर लिया जो कि उसे गालियां देता था और बहुत बुरा व्यवहार करता था. जब लक्ष्मी ने उसे छोड़ने का फैसला किया तो उस लड़के ने लक्ष्मी के चेहरे पर तेज़ाब फेंक दिया जिससे उसका चेहरा पूरी तरह जल गया.
इसके बाद भी लक्ष्मी ने ज़िन्दगी से हार नहीं मानी उस लड़के को सजा दिलवाई. और फिर उसके बाद लक्ष्मी ने एसिड अटैक के खिलाफ आवाज़ उठानी शुरू कर दी. लक्ष्मी ने कई ऐसी लड़कियों को इन्साफ दिलवाया जो कि एसिड अटैक से पीड़ित थी. समाज सेवा करते हुए लक्ष्मी की मुलाकात अलोक दीक्षित से 2014 में हुई और अलोक ने लक्ष्मी से शादी करने का प्रस्ताव रखा जिसे लक्ष्मी ने भी दिल से मान लिया. अब दोनों एक साथ रहते है और उनकी एक 2 साल की बच्ची भी है. अलोक और लक्ष्मी की लव स्टोरी वाकई में हर एक इंसान के लिए मिसाल से कम नहीं.
विजयकांत और लीला की Famous Love Story in Hindi
विजयकांत और लीला की शादी को कई साल हो चुके थे. 2013 में वे दोनों उत्तराखंड में एक तीर्थ यात्रा पर निकले थे. ये वही वक़्त था जब उत्तराखंड में भयंकर बाढ़ आयी थी. बाढ़ में कई लोग मारे गए थे और हज़ारो लोग लापता हो गए थे और लीला भी उनमे से एक थी. हालांकि कुछ दिनों बाद सरकार ने मृत व्यक्तियों की घोषणा की थी जिनमे लीला का नाम भी था लेकिन विजयकांत का दिल नहीं मान रहा था. वह ये मानने को तैयार ही नहीं था कि लीला मर चुकी है. विजयकांत ने कभी हार न मानी और लीला की तलाश आसपास के गाँवों में शुरू कर दी. लीला की केवल एक तस्वीर लेकर विजयकांत कई महीनो तक उसकी तलाश करता रहा. अंत में 2015 यानी कि 19 महीने बाद उत्तराखंड के एक छोटे से गाँव में किसी व्यक्ति ने लीला के बारे में बताया और कहा कि ऐसी ही एक औरत पास के गाँव में घूम रही है जिसकी मानसिक स्थिति खराब है. जब विजयकांत ने उस महिला को देखा तो वो लीला ही थी. बढ़ में फंसने और तबाही का मंज़र देखने के बाद लीला की यादाश्त खो गयी थी. उसके मिलने के बाद विजयकांत लीला को घर ले आये और उसका इलाज करवाया. लीला की मानसिक हालत अब स्थिर है और वो दोनों अब ख़ुशी से अपना जीवन व्यतीत कर रहे है.
फैज़ल हसन क़ादरी की Famous Love Story in Hindi
पोस्टमॉस्टर ने बनवाया ताजमहल अपनी बीवी के लिए
फैज़ल हसन क़ादरी उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव से है. वे पत्नी से बहुत प्रेम करते थे. दुर्भाग्य क बात थी कि इनके को औलाद नहीं थी और फैज़ल जी की पत्नी हमेशा कहती थी हमारे मरने के बाद हमें कौन याद कर्जा. फैज़ल कादरी ने अपनी पत्नी को वादा किया कि वे उसके लिए एक वैसा ही ताज महल बनाएंगे जैसा शाह जहाँ ने अपनी बेगम के लिए बनवाया था. क़ादरी साहब की पत्नी की मृत्यु 56 साल की उम्र में ही हो गयी थी और उसके बाद इन्होने अपनी बेगम के ताज महल जैसा मकान बनाना शुरू कर दिया. क़ादरी साहब ने अपनी सारी जमा पूंजी इसमें लगा दी लेकिन फिर भी काफी बनाना रह गया था. जब उत्तर प्रदेश सरकार ने ये देखा तो उन्होंने कादरी साहब को आर्थिक मदद देने का फैसला किया और तब जाकर क़ादरी साहब अपनी बेगम के लिए ताज महल पूरी तरह बना पाए. हालाँकि क़ादरी साहब द्वारा बनवाया गया ताज महल संगेमरमर का नहीं है लेकिन देखने में ये हूबहू वैसा ही दीखता है जैसा शाह जहाँ ने अपनी बेगम के लिए बनवाया है. क़ादरी जी ने अपनी बेगम को इसी ताज महल में दफनाया था और अब चाहते है इनके मरने के बाद इन्हे भी यही दफनाया जाए.
वाकई में इनकी प्रेम कहानी अमर है और आने वाली पीढ़ी इनके प्रेम की मिसाल देंगी.
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