1]चले आओ मेरे परिंदों लौट कर अपने आसमान में,
देश की मिटटी से खेलो, दूर-दराज़ में क्या रक्खा है
2]Tum Aao Kabhi Dastak Toh Do Dar_E_Dil Par…
Pyaar umeed Se Kamm Ho To Saza_E_Maut De Dena…….
3]Diwar ka calender toh badalta hai har saal
ab ke baras haalat bhi badal de maula ….
4]आँखोँ के परदे भी नम हो गए बातोँ के सिलसिले भी कम हो गए. . .
पता नही गलती किसकी है वक्त बुरा है या बुरे हम हो गए. .
5] रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर,
किताब सीने पे रखकर सोये हुए एक जमाना हो गया|
6]Chalte rahenge kafile mere baad bhi yaha. ????..
Ek Tara tut Jane se falak sunaa nahi hota. .
7]Log Shor Se Jaagte Hai Sahab..
Mujhay Ek Shakhs Ki Khamoshi Sone Nhi Deti…
8
वो चूड़ी वाले को, अपनी कलाई थमा देती है…
जिनकी आज तक हम उंगलियाँ न छू सके…
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