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Maut-o-Hasti Ki KashmKash Mein Kati Tamaam Umr,
Gam Ne Jeene Na Diya Shauq Ne Marne Na Diya.
मौत-ओ-हस्ती की कशमकश में कटी उम्र तमाम,
गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया।
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Gam Ne Jeene Na Diya Shauq Ne Marne Na Diya.
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गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया।
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गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया।
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गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया।
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गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया।
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Dil se naa pucho ki ander dard kitna hainRead more at: http://shayarifm.com/maut-shayari
Dhadkan se na pucho ki baki khel kitna hain,
Puchna hi hai toh jalti huyi laash se pucho,
Zindagi me gum or kafan me chain kitna hain.
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फ़िक्र तो तेरी आज भी है..
बस .. जिक्र का हक नही रहा।
तुमसे ऐसा भी क्या रिश्ता हे?
दर्द कोई भी हो.. याद तेरी ही आती हे।
काग़ज़ पे तो अदालत चलती है..
हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।
एम्बुलेंस सा हो गया है ये जिस्म,
सारा दिन घायल दिल को लिये फिरता है।
हम तो बिछडे थे तुमको अपना अहसास दिलाने के लिए,
मगर तुमने तो मेरे बिना जीना ही सिख लिया।
ताला लगा दिया दिल को.. अब तेरे बिन किसी का अरमान नहीं..
बंद होकर फिर खुल जाए, ये कोई दुकान नहीं।
सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनो पर भी शक करना
मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था..!!
जो इस दुनियाँ में नहीं मिलते , वो फिर किस दुनियाँ में मिलेंगे जनाब..
बस यही सोचकर रब ने एक दुनियाँ बनायी , जिसे कहते हैं ख्वाब।
जुनून, हौसला, और पागलपन आज भी वही है
मैंने जीने का तरीका बदला है तेवर नहीं..!!
हम ने भी कह दिया उनसे की बहुत हो गयी जंग बस..
बस ए मोहब्बत तुझे फ़तेह मुबारक मेरी शिक्स्त हुई।
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Maut-o-Hasti Ki KashmKash Mein Kati Tamaam Umr,
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गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया।
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