जिन्दगी इन्सान को कहा से कहा ले आती है,
एक पल खुशी तो दुसरे पल गम दे जाती है,
चाहते है जिसे दिलो-जान-सनम,
अकसर उसे गम दे जाते है,
प्यार करने से रोका नही पर,
निभाना है कैसे उससे ये जाना नही,
करके वफँऐ भी हम उससे,
निभाना है कैसे ये जानते नही,
प्यार तो हम करते है बहुत,
सनम पर दिखाना हम जानते नही,
चाह कर भी पा ना सके जिसे,
उससे अकसर अपना मानते नही,
जाने ऐसा क्युँ होता है,
जिन्दगी इन्सान को कहा से कहा ले आती है,
एक पल खुशी तो दुसरे पल गम दे जाती है...!
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आरजु थी तेरी बाँहोँ मेँ दम निकले,
कसुर तेरा नहीँ बद- नशीब हम निकले!
जहाँ भी जाये खुश रहे तु सदा,
दिल से दुआँ सदा ये ही निकले!
मेरे हाँठो की हँसी तेरे हाँठो से निकले,
तेरे गम का दरियाँ मेरी आँखोँ से निकले!
ये जिन्दगी तुमहेँ सदा हसती हुई निकले,
अगर चाहे तो हमेँ रुलाती हुई निकले!
अगर जिन्दगी मे जीना पडे तेरे बिन,
तेरी डोली से पहले अर्थी मेरी निकले!
आरजु थी तेरी बाँहोँ मेँ दम निकले,
कसुर तेरा नहीँ बद- नशीब हम निकले...!
---------------------------------------------------
हर साँस के साथ मुझे सोचा करेगा वो,
ஜஜ
अपने हर अक्शं मेँ मुझे धुनडा करेगा वो,
ஜஜ
जब याद आयेगी उसको वफा मेरी,
ஜஜ
फिर हर शक्स को चाहत से देखा करेगा वो,
ஜஜ
आज मेरे दु:ख पर हँस रहा है मेरे सामने,
ஜஜ
मुझसे बिछड कर ईसी बात पर रोया करेगा वो.
ஜஜ
फिर कैसे मेरे खयाल से दामन छुरायेगा वो,
ஜஜ
जब मेरी तरह किसी को चाहा करेगा वो.
ஜஜ
मेरे होते हूये मेरा नाम भुलने वाला,
ஜஜ
मेरे बाद मेरे नाम से हर एक पुकारा करेगा वो.....।
एक पल खुशी तो दुसरे पल गम दे जाती है,
चाहते है जिसे दिलो-जान-सनम,
अकसर उसे गम दे जाते है,
प्यार करने से रोका नही पर,
निभाना है कैसे उससे ये जाना नही,
करके वफँऐ भी हम उससे,
निभाना है कैसे ये जानते नही,
प्यार तो हम करते है बहुत,
सनम पर दिखाना हम जानते नही,
चाह कर भी पा ना सके जिसे,
उससे अकसर अपना मानते नही,
जाने ऐसा क्युँ होता है,
जिन्दगी इन्सान को कहा से कहा ले आती है,
एक पल खुशी तो दुसरे पल गम दे जाती है...!
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आरजु थी तेरी बाँहोँ मेँ दम निकले,
कसुर तेरा नहीँ बद- नशीब हम निकले!
जहाँ भी जाये खुश रहे तु सदा,
दिल से दुआँ सदा ये ही निकले!
मेरे हाँठो की हँसी तेरे हाँठो से निकले,
तेरे गम का दरियाँ मेरी आँखोँ से निकले!
ये जिन्दगी तुमहेँ सदा हसती हुई निकले,
अगर चाहे तो हमेँ रुलाती हुई निकले!
अगर जिन्दगी मे जीना पडे तेरे बिन,
तेरी डोली से पहले अर्थी मेरी निकले!
आरजु थी तेरी बाँहोँ मेँ दम निकले,
कसुर तेरा नहीँ बद- नशीब हम निकले...!
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हर साँस के साथ मुझे सोचा करेगा वो,
ஜஜ
अपने हर अक्शं मेँ मुझे धुनडा करेगा वो,
ஜஜ
जब याद आयेगी उसको वफा मेरी,
ஜஜ
फिर हर शक्स को चाहत से देखा करेगा वो,
ஜஜ
आज मेरे दु:ख पर हँस रहा है मेरे सामने,
ஜஜ
मुझसे बिछड कर ईसी बात पर रोया करेगा वो.
ஜஜ
फिर कैसे मेरे खयाल से दामन छुरायेगा वो,
ஜஜ
जब मेरी तरह किसी को चाहा करेगा वो.
ஜஜ
मेरे होते हूये मेरा नाम भुलने वाला,
ஜஜ
मेरे बाद मेरे नाम से हर एक पुकारा करेगा वो.....।
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